क्षत्रिय करणी सेना का अजेंडा एवं उद्देश्य

संगठन के उद्देश्य और कार्य

1. देश के सभी राज्यों में बिखरे हुए क्षत्रियों को एकजुट करके तथा उचित प्रशिक्षण देकर क्षत्रिय परंपराओं पर आधारित देश और सनातन धर्म की सेवा हेतु, एक सशक्त समाज की स्थापना करना।

2. क्षत्रिय योद्धाओं के इतिहास का प्रचार करना तथा शैक्षिक पाठ्यक्रमों का हिस्सा बनाना जिससे युवा पीढ़ी उससे प्रेरणा ले सके।

3. क्षत्रिय संस्कृति, मूल्य तथा मार्शल ट्रेनिंग परंपराओं (जैसे तलवार, भाला, लाठी, पहलवानी इत्यादि) को प्रतियोगिता, पुरस्कार इत्यादि के माध्यम से बढ़ावा देना।

4. क्षत्रिय समाज के जो लोग बेरोजगारी की वजह से आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहे हैं, उन्हें कौशल सिखाने की व्यवस्था करना तथा शिक्षा या स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना।

5. क्षत्रिय युवाओं को अपराध व शराब इत्यादि व्यसनों से बचाकर योग एवं अध्यात्म के माध्यम से सफल इंसान बनाना ताकि वो अपने परिवार और समाज में आर्थिक खुशहाली ला सके।

6. किसानों की आमदनी बढ़ाने के कृषि प्रशिक्षण की व्यवस्था करना और उनकी समस्याओं को सरकार द्वारा हल करवाने का प्रयास करना।

7. सभी प्रकार की सरकारी योजनाओं की लोगों को जानकारी देना और लाभ लेने में मदद करना।

8. किसी भी प्रकार की सामाजिक, आर्थिक संकट में फंसे परिवारों को सहारा देना और सभी प्रकार की मदद करने का प्रयास करना।

9. समाज में विभिन्न कारणों से जो बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं निराश्रित हो गए हैं, उन्हें सहारा देने की व्यवस्था करना।

10. क्षत्रिय और सनातन संस्कृति के उत्थान में चेष्टाशील व्यक्तियों तथा समाज के साहसी, त्यागी, तपस्वी और समाज सेवी व्यक्तियों को सम्मानित करना। ऐसे लोगों को उनकी क्षमतानुसार विभि राजनीतिक पदों पर पहुंचाने में मदद करना, जिससे समाज में प्रेरणास्वरूप गुणी व्यक्तियों की संख्या में बढ़ोतरी हो।

11. होनहार, गरीब व जरूरतमंद बच्चों के लिए शिक्षा की व्यवस्था करना। गांवों और मोहल्लों में छात्रों व युवाओं के लिए खेलकूद, पुस्तकालय, संस्कारशाला इत्यादि की व्यवस्था करना।

12. जिन लोगों ने समाज की भलाई के लिए पराक्रम दिखाया, आवश्यकता पड़ने पर उन्हें कानूनी सहायता की व्यवस्था करना।

13. क्षत्रिय समाज के परिवारों में शारीरिक, मानसिक बीमारियों, पारिवारिक कलह इत्यादि के समाधान और सर्वांगीण प्रगति के लिए योग और सत्संग इत्यादि को सभी के लिए सुलभ कराना, जिससे वे अपने जीवन की समस्याओं का निराकरण करने में सक्षम हो सकें।

14. सभी सनातनी महापुरुषों का सम्मान करना तथा समाज के सभी वर्गों में भाईचारा स्थापित करना।

15. मानव समाज को तोड़ने वाली शक्तियों के प्रयासों को विफल करना तथा ऐसे तत्वों की पहचान उजागर करके उनके खिलाफ उचित कार्यवाही करना।

।। जय माँ करणी ।।